Bajrang Baan Lyrics

 The well-known Hindu devotional song “Bajrang Baan Lyrics” is sung in honor of Lord Hanuman, a cherished god renowned for his tenacity, loyalty, and devotion. The Bajrang Baan Lyrics is a potent mantra that is said to call upon Hanuman’s blessings and protection. It was composed by the medieval saint and poet Tulsidas.

The Awadhi language, a Hindi dialect, is used to write the Bajrang Baan Lyrics, which are renowned for its melodic and rhythmic structure. The hymn praises Hanuman’s bravery, valour, and loyalty to Lord Rama, another well-known hero in Hindu mythology, while describing his many qualities and exploits.

Bajrang Baan Lyrics

॥दोहा॥
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करै सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान॥ 
॥चौपाई॥
जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
 
जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका॥
जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परम पद लीन्हा॥
बाग उजारि सिन्धु महं बोरा। अति आतुर यम कातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुर पुर महं भई॥
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहुं उर अन्तर्यामी॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होइ दु:ख करहुं निपाता॥
जय गिरिधर जय जय सुख सागर। सुर समूह समरथ भटनागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले। बैरिहिं मारू बज्र की कीले॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो। महाराज प्रभु दास उबारो॥
 
ॐकार हुंकार महाप्रभु धावो। बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो॥
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमन्त कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा॥
सत्य होउ हरि शपथ पायके। रामदूत धरु मारु धाय के॥
जय जय जय हनुमन्त अगाधा। दु:ख पावत जन केहि अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
वन उपवन मग गिरि गृह माहीं। तुमरे बल हम डरपत नाहीं॥
पाय परौं कर जोरि मनावों। यह अवसर अब केहि गोहरावों॥
जय अंजनि कुमार बलवन्ता। शंकर सुवन धीर हनुमन्ता॥
बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बैताल काल मारीमर॥
इन्हें मारु तोहि शपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
जनकसुता हरि दास कहावो। ताकी शपथ विलम्ब न लावो॥
जय जय जय धुनि होत अकाशा। सुमिरत होत दुसह दु:ख नाशा॥
चरण शरण करि जोरि मनावों। यहि अवसर अब केहि गोहरावों॥
 
उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई। पांय परौं कर जोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चञ्चल। ॐ सं सं सहम पराने खल दल॥
 
अपने जन को तुरत उबारो। सुमिरत होय आनन्द हमारो॥
यहि बजरंग बाण जेहि मारो। ताहि कहो फिर कौन उबारो॥
पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की॥
यह बजरंग बाण जो जापै। तेहि ते भूत प्रेत सब कांपे॥
धूप देय अरु जपै हमेशा। ताके तन नहिं रहे कलेशा॥
॥दोहा॥
प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान॥
Bajrang Baan Music Video

Bajrang Baan Lyrics Meaning

जो भी राम भक्त श्री बजरंग बलि हनुमान के सामने संकल्प लेकर पूरी श्रद्धा व प्रेम से उनसे प्रार्थना करता है श्री हनुमान उनके सभी कार्यों को शुभ करते हैं।
हे संतों का कल्याण करने वाले श्री हनुमान आपकी जय हो, हे प्रभु हमारी प्रार्थना सुन लिजिए। हे बजरंग बली वीर हनुमान अब भक्तों के कार्यों को संवारने में देरी न करें व सुख प्रदान करने के लिए जल्दी से आइये।
हे बजरंग बलि जैसे आपने कूद कर सागर को पार कर लिया था। सुरसा जैसी राक्षसी ने अपने विशालकाय शरीर से आपको लंका जाने से रोकना भी चाहा, लेकिन जिस तरह आपने उसे लात मार कर देवलोक पंहुचा दिया था। जिस तरह लंका जाकर आपने विभिषण को सुख दिया। माता सीता को ढूंडकर परम पद की प्राप्ति की। आपने रावण की लंका के बाग उजाड़े और आप रावण के भेजे सैनिकों के लिए यम के दूत बने। जितनी तेजी से आपने अक्षय कुमार का संहार किया, जैसे आपने अपनी पूंछ से लंका को लाख के महल के समान जला दिया जिससे आपकी जय जयकार सुर पुर यानि स्वर्ग में होने लगी।
हे स्वामी अब किस कारण आप देरी कर रहे हैं, हे अंतर्यामी कृपा कीजिये। भगवान राम के भ्राता लक्ष्मण के प्राण बचाने वाले हे बजरंग बलि हनुमान आपकी जय हो। मैं बहुत आतुर हूं, आप मेरे कष्टों का निवारण करें। हे गिरिधर (पहाड़ को धारण करने वाला) सुख के सागर बजरंग बलि आपकी जय हो। सभी देवताओं सहित स्वयं भगवान विष्णु जितना सामर्थ्य रखने वाले पवन पुत्र हनुमान आपकी जय हो। हे परमेश्वर रुपी हठीले हनुमान बज्र की कीलों से शत्रुओं पर प्रहार करो। अपनी बज्र की गदा लेकर बैरियों का विनाश करो। हे बजरंग बलि महाराज प्रभु इस दास को छुटकारा दिलाओ।
हे वीर हनुमान ओंकार की हुंकार भरकर अब कष्टों पर धावा बोलो व अपनी गदा से प्रहार करने में विलंब न करें। हे शक्तिमान परमेश्वर कपीश्वर बजरंग बलि हनुमान। हे परमेश्वर हनुमान दुश्मनों के शीश धड़ से अलग कर दो। भगवान श्री हरि खुद कहते हैं कि उनके शत्रुओं का विनाश रामदूत बजरंग बलि हनुमान तुरंत आकर करते हैं। हे बजरंग बलि मैं आपकी दिल की अथाह गहराइयों से जय जयकार करता हूं लेकिन प्रभु आपके होते हुए लोग किन अपराधों के कारण दुखी हैं।
हे महावीर आपका ये दास पूजा, जप, तप, नियम, आचार कुछ भी नहीं जानता, जंगलों में, उपवन में, रास्ते में, पहाड़ों में या फिर घर पर कहीं भी आपकी कृपा से हमें डर नहीं लगता। हे प्रभु मैं आपके चरणों में पड़कर अर्थात दंडवत होकर या फिर हाथ जोड़कर आपको मनाऊं। इस समय मैं किस तरह आपकी पुकार लगाऊं हे अंजनी पुत्र, हे भगवान शंकर के अंश वीर हनुमान आपकी जय हो।
हे वीर हनुमान आपका शरीर काल के समान विकराल है। आप सदा भगवान श्री राम के सहायक बने सदा उनके वचन की पालना की है। भूत, प्रेत, पिशाच व रात्रि में घूमने वाली दुष्ट आत्माओं को आप अपनी अग्नि से भस्म कर देते हैं। आपको भगवान राम की शपथ है इन्हें मारकर भगवान राम व अपने नाम की मर्यादा रखो स्वामी। आप माता सीता के भी दास कहलाते हैं आपको उनकी भी कसम हैं इस कार्य में देरी न करें। आकाश में भी आपकी जय जयकार की ध्वनी सुनाई दे रही है। आपके स्मरण से दुष्कर कष्टों का भी नाश हो जाता है। आपके चरणों की शरण लेकर हाथ जोड़कर आपसे विनती है प्रभु, आपको किस तरह पुकारुं, मेरा पथ-प्रदर्शन करें, मुझे राह सुझाएं मैं क्या करुं।
हे वीर हनुमान आपको भगवान श्री राम की दुहाई है उठकर चलो आपके पांव गिरते हैं आपके सामने हाथ जोड़ते हैं। हे सदा चलते रहने वाले हनुमान ऊँ चं चं चं चं चले आओ। ऊँ हनु हनु हनु हनु श्री हनुमान चले आओ। ऊँ हं हं हे वानर राज आपकी हुंकार से राक्षसों के दल सहम गए हैं, भयभीत हो गए हैं ऊँ सं सं।
हे बजरंग बलि श्री हनुमान अपने भक्तजनों का तुरंत कल्याण करो। आपके सुमिरन से हमें आनंद मिले। जिसको यह बजरंग बाण लगेगा फिर उसका उद्धार कौन कर सकता है। जो इस बजरंग बाण का पाठ करता है श्री हनुमान स्वयं उसके प्राणों की रक्षा करते हैं। जो भी इस बजरंग बाण का जाप करता है, उससे भूत-प्रेत सब डरकर कांपने लगते हैं। जो बजरंग बलि महावीर हनुमान को धूप आदि देकर बजरंग बाण का जाप करता है उसे किसी प्रकार कष्ट नहीं सताता।
जो प्रेम से महावीर श्री हनुमान का भजन करता है अपने हृद्य में सदा उनको धारण किये रहता है उनके सारे कार्यों को स्वयं हनुमान सिद्ध करते हैं।

FAQ (Frequently Asked Question)

Q – रोजाना बजरंग बाण पढ़ने से क्या होता है?
बजरंग बाण का पठन अनुशंसित है क्योंकि इसे पढ़ने से विभिन्न प्रकार के लाभ हो सकते हैं। यहां कुछ मुख्य लाभ हैं जो बजरंग बाण के नियमित पाठन से हो सकते हैं:
भक्ति और श्रद्धा का विकास: बजरंग बाण का पठन करने से आत्मा में भक्ति और श्रद्धा का विकास होता है। यह भक्ति और श्रद्धा आपको आध्यात्मिक ऊर्जा और संजीवनी शक्ति प्रदान कर सकती है।
रक्षा और सुरक्षा: बजरंग बाण का पाठ करने से व्यक्ति को आत्मिक और शारीरिक सुरक्षा की प्राप्ति होती है, और उन्हें बुराई और नकारात्मकता से बचाव की शक्ति मिलती है।
संयम और सामर्थ्य: बजरंग बाण का पठन करने से मानसिक और शारीरिक संयम बढ़ता है, जिससे व्यक्ति का अधिक समर्थन मिलता है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होता है।
शांति और स्थिरता: बजरंग बाण का पाठ करने से मन की शांति और स्थिरता की प्राप्ति होती है। यह विचारशीलता और ध्यान को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रख सकता है।
यह लाभ व्यक्ति की श्रद्धा, आस्था और नियमितता पर निर्भर करते हैं। बजरंग बाण का पठन केवल धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति में ही नहीं बल्कि व्यक्ति के जीवन के सभी क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

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